Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या को दें 5 वस्तुओं का दान, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद, सप्तधान्य से ग्रह दोष होंगे शांत

हाइलाइट्स

सोमवती अमावस्या 17 जुलाई 2023 को है. इस दिन श्रावण की अमावस्या तिथि है.
सोमवती अमावस्या को स्नान के बाद काले तिल का दान करना चाहिए.

सोमवती अमावस्या 17 जुलाई 2023 को है. इस दिन श्रावण की अमावस्या तिथि है. कई शुभ संयोगों के साथ आई यह सोमवती अमावस्या मनुष्यों का उद्धार करने वाली है. अगर आप अपने  पितरों  के आशीर्वाद से वंचित हैं, वंश की वृद्धि नहीं हो रही है, संतान सुख से वंचित हैं, घर में सुख और शांति का अभाव है. दरिद्रता के कारण जीवन दुखदायी बन गया है तो सोमवती अमावस्या पर इन सब परेशानियों से आप निजात पा सकते हैं. सोमवती अमावस्या को दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलेगा, जिससे आपकी उन्नति होगी. संतान सुख प्राप्त होगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सोमवती अमावस्या पर दान की वस्तुओं के बारे में.

सोमवती अमावस्या पर क्या दान करें?
1. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जिस दिन सोमवती अमावस्या हो, उस रोज अपने पितरों का ध्यान करके धोती, गमछा, ​बनियान आदि वस्त्रों का दान करें. इससे आपके पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.

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2. सोमवती अमावस्या को स्नान के बाद काले तिल का दान करना चाहिए. हाथ की अनामिका अंगुली में कुश की पवित्री पहन लें. फिर कोई वस्तु दान करनी चाहिए. कुश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है. कुश को पवित्र माना जाता है.

3. सोमवती अमावस्या पर ग्रहों की शांति के लिए सप्तधान्य का दान कर सकते हैं. इसमें चावल, गेहूं, जौ, काला चना, सफेद तिल, मूंग दाल आदि शामिल होते हैं. चावल से चंद्रमा, गेहूं से सूर्य, काला चना से शनि, सफेद तिल से शुक्र, हरी मूंग से बुध और मसूर दाल से मंगल ग्रह मजबूत होते हैं. इनसे जुड़े दोष दूर होते हैं.

4. सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों का अशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध, चावल, चांदी, सफेद वस्त्र आदि का दान कर सकते हैं.

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5. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों के नाराज होने से पितृ दोष लगता है. इससे मुक्ति के लिए आप भूमि का दान कर सकते हैं. हालांकि यह सबके क्षमता की बात नहीं है.

सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त
17 जुलाई को प्रात:काल से ही सोमवती अमावस्या का स्नान और दान प्रारंभ हो जाएगा. लेकिन सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ है, जो सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 01 मिनट से शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा.

सोमवती अमावस्या पर श्राद्ध का समय
सोमवती अमावस्या के दिन जो ​लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं, वे सुबह 11:00 बजे से दोपहर 02:30 बजे के बीच कर सकते हैं. इस दिन पिंडदान, श्राद्ध आदि करने से पितर शांत होते हैं. पितृ दोष दूर होता है.

Tags: Dharma Aastha, Religion

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