अभिषेक उपाध्याय/आजमगढ़: एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक के बीच विवाद का साइड इफेक्ट आलोक के पैतृक गांव में भी दिखने लगा है. पतियों ने पत्नियों की पढ़ाई पर रोक लगानी शुरू कर दी है. आलम यह है कि आलोक मौर्य के पैतृक गांव बछवल में बहुओं को पढ़ाना तो दूर उनके घर से बाहर निकलने पर भी अब पाबंदी है. ऐसे में महिलाओं का करियर अधर में है और उनके सपने टूट रहे हैं.
दरअसल, ज्योति और आलोक मौर्य के विवाद ने लोगों पर न सिर्फ गहरा असर डाला है, बल्कि इससे सामाजिक ताना-बाना पर भी गड़बड़ा गया है. मामले में साज फाउंडेशन की डॉयरेक्टर डॉ. संतोष सिंह कहती हैं कि यह ज्योति व आलोक का निजी मामला है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसका निर्णय किया जा रहा है. पति-पत्नी के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कोर्ट-कचहरी है. कहा, हालांकि, इस बीच करीब 136 महिलाएं जो संस्थान में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं, उन्हें उनके पतियों ने वापस बुला लिया है. यह काफी दुखद है. जबकि, पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास का होता है.
एसडीएम ज्योति मौर्या विवाद में आया नया ट्विस्ट! पति ने दिया सुलह का संकेत, क्या शांत होगा मुद्दा?
डगमगा रहा पतियों का विश्वास
न्यूज लोकल 18 से बातचीत करते हुए डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि ज्योति मौर्य का केस क्या सामने आया, आज सारे पतियों का पत्नियों से विश्वास उठने लगा. कहा कि लोगों को सोचना होगा कि हर महिला एक जैसी नहीं होती, इसलिए जो भी पति अपने पत्नीयों को पढ़ा रहे थे, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों को करा रहे थे, वे उनको पढ़ाते व तैयारी कराते रहें. उनको घर वापस बुलाकर उनके अरमानों को न कुचलें.
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FIRST PUBLISHED : July 11, 2023, 21:32 IST
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