Sawan Shivratri 2023: आज है सावन शिवरात्रि, निशिता पूजन के समय भद्रा, जानें मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि और महत्व

हाइलाइट्स

महाशिवरात्रि के बाद सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व है.
सावन शिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: आज, रात 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक.
सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: आज, शनिवार, रात 08 बजकर 32 मिनट से.

आज 15 जुलाई शनिवार को सावन की पहली शिवरात्रि है. अधिक मास के कारण सावन माह में दो शिवरात्रि पड़ रही हैं. ​हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. महाशिवरात्रि के बाद सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि सावन भगवान शिव का  प्रिय महीना है और शिवरात्रि भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है. इस वजह से सावन शिवरात्रि की प्रतीक्षा की जाती है, ताकि महादेव को प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की जा सके. आज व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं. सावन शिवरात्रि की निशिता पूजा के समय भद्रा है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं सावन शिवरात्रि तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में.

सावन शिवरात्रि 2023 मुहूर्त
सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: आज, शनिवार, रात 08 बजकर 32 मिनट से
सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: कल, रविवार, रात 10 बजकर 08 मिनट पर
सावन शिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: आज, रात 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक
वृद्धि योग: आज प्रात:काल से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक
ध्रुव योग: आज, सुबह 08 बजकर 22 मिनट से पूर्ण रात्रि तक
मृगशिरा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर रात 12:23 बजे तक

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जिन लोगों को निशिता मुहूर्त में सावन शिवरात्रि की पूजा नहीं करनी है तो वे लोग आज सुबह से कभी भी शिव पूजा कर सकते हैं. वैसे आज का शुभ चौघड़िया मुहूर्त भी नीचे दिया गया है. इसमें समय में भी शिव पूजा की जा सकती है.

सावन शिवरात्रि 2023 दिन का चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 07:16 बजे से सुबह 09:00 बजे तक
चर-सामान्य मुहूर्त: दोपहर 12:27 बजे से दोपहर 02:10 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 03:54 बजे से शाम 05:37 बजे तक

सावन शिवरात्रि 2023 जलाभिषेक समय
आज सुबह से ही जलाभिषेक प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरे दिन चलेगा.

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सावन शिवरात्रि 2023 अशुभ समय
भ्रदा काल: आज रात 08 बजकर 32 मिनट से कल सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक
राहुकाल: सुबह 09:00 बजे से सुबह 10:43 बजे तक

सावन शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
सावन शिवरात्रि के दिन प्रात:काल में स्नान के बाद साफ कपड़े पहन लें. फिर सबसे पहले सूर्य देव की पूजा करके अर्घ्य दें. उसके बाद सावन शिवरात्रि व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें. इसके बाद पूजन सामग्री लेकर शिव मंदिर जाएं.

वहां पर सबसे पहले गंगाजल और गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. महादेव का चंदन, भस्म, फूल, जनेऊ, वस्त्र या मौली, माला आदि से श्रृंगार करें. फिर बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, आक के फूल, फल, शहद, धूप, दीप, गंध आदि से भगवान शिव की पूजा करें. पूजन सामग्री अर्पित करते समय ओम नम: शिवाय का उच्चारण करें. माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय, नंदी आदि की पूजा करें.

अब आप शिव चालीसा का पाठ करें. सावन शिवरात्रि की व्रत कथा सुनें. घी के दीपक या कपूर से भगवान शिव जी की आरती करें. अंत में क्षमा प्रार्थना करके मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लें.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan

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