नई दिल्ली. इसरो के चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3) की सफलता, जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) को सफलतापूर्वक आयोजित करने की भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि और संसद के नए भवन में बदलाव का जश्न इस महीने के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान मनाया जा सकता है. सरकारी सूत्रों ने News18 को बताया कि ये सभी कार्यक्रम भारतीय लोकतंत्र के ‘अमृत काल’ का प्रतिनिधित्व करते हैं और सांसदों को सदन के पटल पर इनका जश्न मनाने का मौका मिलेगा. इन तीन घटनाओं की सराहना करते हुए एक विशेष प्रस्ताव भी संसद से पारित किया जा सकता है.
पांच दिनों के विशेष संसद सत्र (Parliament Special Session) को नए संसद भवन (New Parliament Building) में आयोजित किया जा सकता है. जिसे सांसदों और देश को पहली बार बड़े पैमाने पर दिखाया जाएगा. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने और सफलतापूर्वक विभिन्न प्रयोग करने वाला पहला देश बन गया है, जिससे चंद्रमा की सतह पर महत्वपूर्ण खोजें हुईं. 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र शुरू होने तक भारत 9-10 सितंबर को जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन भी सफलतापूर्वक आयोजित कर चुका होगा. सरकार इस अवसर का उपयोग संसद को जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बारे में बताने के लिए कर सकती है कि यह कैसे 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकों के साथ विश्व स्तर पर प्रशंसित एक देशव्यापी कार्यक्रम बन गया.
गणेश चतुर्थी को नए संसद भवन में सत्र होगा
सूत्रों के मुताबिक विशेष सत्र का दूसरा दिन, 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन नए भवन में आयोजित किया जाएगा. नई इमारत में लोकसभा और राज्यसभा की यह पहली बैठक होगी और अध्यक्ष ने इस मौके पर फोटो सेशन भी आयोजित किया है. सरकार और बीजेपी ने विशेष सत्र के लिए किसी भी विधायी एजेंडे पर चुप्पी साध रखी है. जबकि अटकलें फैल रही हैं कि एक देश-एक चुनाव, समान नागरिक संहिता या महिला आरक्षण विधेयक जैसे महत्वपूर्ण बिल पेश किए जा सकते हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने News18 को बताया कि ‘इन सभी विधेयकों के लिए राज्यों और अन्य राजनीतिक दलों के साथ बड़े पैमाने पर विचार- विमर्श की जरूरत है.’
किसी विधायी एजेंडे की खबर नहीं
उन्होंने दावा किया कि सत्र में विधायी एजेंडा, अगर कोई है भी, तो वह क्या होगा, इसकी उनको जानकारी नहीं है. गृह मंत्रालय द्वारा लाए गए तीन महत्वपूर्ण विधेयक- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक मौजूदा वक्त में स्थायी समिति के समक्ष लंबित है. वे फिलहाल विशेष सत्र से पहले तैयार नहीं हो सकते हैं. इन बिलों को क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लाया गया है. साथ ही सरकार ने लोकसभा चुनाव को समय से पहले कराने की किसी भी योजना से इनकार किया है और दोहराया है कि आम चुनाव 2024 में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे.
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Tags: Chandrayaan-3, G-20 Summit, Parliament session, Pm narendra modi
FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 10:52 IST
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