Meteorite left Earth thousands of years ago and came back know all about it

उल्कापिंड पृथ्वी पर गिरते रहते हैं, उनमें से बहुत ही कम पृथ्वी की सतह तक पहुंच पाते हैं. पर क्या ऐसा हो सकता है कि कोई उल्कापिंड पृथ्वी पर आकर फिर अंतरिक्ष में चला गया हो और हजारों साल बाद पृथ्वी पर लौट आया हो. वैज्ञानिक एक पत्थर को लेकर ऐसी ही संभावना की पड़ताल कर रहे हैं क्योंकि वे इस बात को नकार नहीं सकते कि वह एक उल्कापिंड हैं लेकिन उन्हें ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि यह पृथ्वी से बाहर गया होगा. अगर यह साबित हो गया तो नॉर्थवेस्ट अफ्रीका 13188 नाम का यह पत्थर दुनिया का पहला ऐसा खोजा गया पत्थर होगा. इसके अंतरिक्ष में वापस जाने के तरीके के संकेत नहीं मिले हैं.

कहां और कब मिला था ये
साल2018 में अफ्रीका के मोरक्को के सहारा रेगिस्तान में यह काला पत्थर खोजा गया था. 646 ग्राम का यह बूमरैंग स्पेस रॉक कहा जाने वाले पत्थर से बुलबुले निकले हों ऐसी सतह दिखाई देती है. इसकी रासायनिक संरचना बताती है कि यह पृथ्वी के महासागरीय प्लेट के पास के ज्वालामुखियों से निकले पिघले हुए पदार्थों से बना होगा.

उल्कापिंड तो है ही
NWA 13188 के बुलबुलों की सतह, उसका क्रिस्टलीय संरचना, उसमें ऑक्सीजन और दुर्लभ मिलने वाले तत्वों का मिश्रण, यह तो स्पष्ट करते हैं कि बिना संदेह के ये उल्कापिंड ही है. लेकिन फिर यह अन्य उल्कापिंडों से बहुत ही अलग है. कम से कम यह आम अंतरिक्ष की चट्टान वाला पत्थर नहीं है.

बहुत समय अंतरिक्ष में रहा था पत्थर
फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के भूभौतिकविद जिरोम गैट्टाचिका ने अपना यह शोध फ्रांस मे हुई गोल्डस्मिथ जियोकेमिस्ट्री कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया था. उनका कहना है कि इस पत्थर की बहुत रोचक यात्रा रही थी क्योंकि इसने अपना काफी समय कक्षा में बिताया था. इसमें हीलियम-3, बेरीलियम-10, और नियोन-21 की मात्रा पाई गई है और इससे ही इसके खगोलीय पिंड हने के संकेत मिल जाते है.

Tags: Earth, Research, Science, Solar system, Space

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