अंकित कुमार सिंह/सीवान. बिहार के एक ऐसे गांव की हम बात करने जा रहे हैं, जहां से देश की आजादी के लिए एक या दो नहीं बल्कि 29 स्वतंत्रता सेनानी निकले. उन 29 दीवानों में एक स्वतंत्रता सेनानी अब भी एक जीवित हैं. इस इकलौते जीवित स्वतंत्रता सेनानी का नाम मुंशी सिंह (96) है.
यह सीवान जिला के महाराजगंज अनुमंडल स्थित बंगारा गांव है. जहां के सपूतों का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है. इसी वजह से सीवान के महराजगंज को वीरों और शहीदों की धरती कहा जाता है. इन वीरों की गाथा जिले के बच्चे-बच्चे जानते हैं. यहां के 29 स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजी हुक्मरानों का छक्के छुड़ा दिए थे. गोली खाने के बावजूद अग्रेजी सैनिकों को थाने से उखाड़ फेंका था. साथ ही थाने पर तिरंगा लहराकर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आवाज बुलंद की थी.
जीवित हैं स्वतंत्रता सेनानी मुंशी सिंह
सारण कमिश्नरी के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी 96 वर्षीय मुंशी सिंह हैं. इन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई, जाहिर है आजादी के संघर्ष को इन्होंने अपनी आंखों से देखा. आज भी वे देश की आजादी को याद कर भावुक हो उठते हैं. उस समय किस परिस्थिति में भारत आजाद हुआ यह बातें भी बताते हैं. वे बताते हैं कि उमाशंकर प्रसाद हाई स्कूल का विद्यार्थी था. उसी समय आजादी के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया. गोली की परवाह नहीं की थी और देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1942 के आंदोलन में कूद पड़ा. अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का शिकार होना पड़ा था और जेल भी जाना पड़ा था.
स्मारक की स्थिति बदहाल
आजादी की लड़ाई में बंगरा गांव की भूमिका काफी अहम रही है. बंगरा गांव की धरती ने 29 स्वतंत्रता सेनानी को जन्म दिया है. लेकिन समय की धार ने धीरे-धीरे उन सब को हमसे छीन लिया अब सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी मुंशी सिंह सभी के बीच हैं. दुर्भाग्य यह है कि आजादी के इन दीवानों को प्रशासन इस कदर भूल गया कि उसके पास इनकी सूची तक भी उपलब्ध नहीं है. सिर्फ छोटे से पत्थर पर इनके नाम अंकित है. कहीं स्मृति चिह्न तक नहीं है. सिहौता बंगरा उच्च विद्यालय के प्रागंण में स्थापित स्मृति के साथ एक छोटे से पत्थर पर 29 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित हैं, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
इन वीरों की भूमिका अहम
सीवान के इन वीर सपूतों की कुर्बानियों के बदौलत ही देश आजाद हुआ. जब भी ऐसे वीरों की चर्चा होती है, उनकी जन्मस्थली के प्रति सिर आदर से झुक जाता है. देश में शायद ही कोई दूसरा गांव हो, जहां के लोगों में आजादी के प्रति ऐसी दीवानगी दिखी हो. जिले के 29 शहीद स्वतंत्रता सेनानियों में शहीद देवशरण सिंह के अलावा रामलखन सिंह, टुकड़ सिंह, गजाधर सिंह, रामधन राम, रामपृत सिंह, सुंदर सिंह, रामपरीक्षण सिंह, शालीग्राम सिंह, गोरख सिंह, फेंकु सिंह, जुठन सिंह, काली सिंह, सूर्यदेव सिंह, बमबहादुर सिंह, राजनारायण उपाध्याय, रामएकबाल सिंह, तिलेश्वर सिंह, देवपूजन सिंह, रघुवीर सिंह, नागेश्वर सिंह, शिव कुमार सिंह, झूलन सिंह, राजाराम सिंह, सीताराम सिह, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह की अब यादें ही शेष हैं. इन वीर सपूतों ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी.
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Tags: 15 August, Local18, Siwan news
FIRST PUBLISHED : August 14, 2023, 08:48 IST
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