सुमित भारद्वाज/पानीपत. महिला सशक्तिकरण को लेकर प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है.हरियाणा में अब निर्वाचित महिलाओं का प्रशासनिक बैठकों में शामिल होना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही ये भी कहा गया है कि महिलाओं के स्थान पर अगर उनके पति बैठक का हिस्सा बने तो उन्हें बैठक से बाहर जाना पड़ सकता है. उपायुक्त डॉ. वीरेन्द्र कुमार दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जो महिला सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हैं उन्हे स्वयं मीटिंगों में हाजिर होना होगा. उनके स्थान पर उनके प्रतिनिधियों को बैठक में बैठने की अनुमति नहीं होगी. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने इस दिशा में कार्य करना प्रारंभ कर दिया है.
उपायुक्त डॉ. वीरेन्द्र कुमार दहिया ने बताया कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. आमतौर पर यह देखने में आया है कि निर्वाचित महिलाओं के स्थान पर उनके प्रतिनिधि बैठकों का हिस्सा बनते हैं. जिसके कारण महिला सशक्तिकरण के सरकार के उद्देश्य में रूकावट आती है. अब सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर ठोस कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.
प्रतिनिधियों को नहीं मिलेगी
उपायुक्त ने बताया कि भविष्य में निर्वाचित महिलाएं ही सरकारी बैठकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं ताकि महिला सशक्तिकरण को और मजबूती मिल सके. उपायुक्त ने महिलाओं के प्रतिनिधियों को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई महिला निर्वाचित है तो उनके स्थान पर उनके प्रतिनिधियों को बैठक में बैठने की अनुमति नहीं होगी.
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