यूपी के आगरा में विराजमान है बप्पा की सबसे विशालकाय मूर्ति!, पूरी तरह से है इको फ्रेंडली

हरिकांत शर्मा/आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में गणेश उत्सव की धूम है जगह-जगह गणपति विराजमान है.आगरा के सदर बाजार नौलखा में यूपी की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित करने का दवा मंगल मूर्ति सेवा समिति की तरफ से किया गया है. समिति का दावा है कि उत्तर प्रदेश में 24 फुट की खड़ी हुई भगवान गणेश की प्रतिमा नहीं विराजमान है. साथ ही हर साल इस मूर्ति का आकार बढ़ता जा रहा है. पिछले साल जब मूर्ति की स्थापना हुई थी तब यह मूर्ति 23 फुट की थी. जोकि इस साल 1 फुट बढ़कर 24 फुट की हो गई है. मूर्ति पूरी तरीके से इको फ्रेंडली है.

आयोजन कर्ता दिग्विजय नाथ तिवारी बताते हैं कि हर साल की भांति इस साल भी उन्होंने गणेश उत्सव पर विशालकाय गणपति की स्थापना की है. ऐसा दावा है कि समूचे उत्तर प्रदेश में इतनी विशालकाय मूर्ति नहीं है. साथ यह मूर्ति पूरी तरीके से इको फ्रेंडली है. इस मूर्ति के भीतर आम, जामुन, बरगद, पीपल, कटहल, नीम के बीज डाले गए हैं. ताकि जब इस मूर्ति को विसर्जित किया जाए तो नदी के किनारे पहुंचकर बीज पेड़ की शक्ल लेले. जिससे वातावरण को भी फायदा पहुंचे. इस मूर्ति को हर साल क्रेन की मदद से स्थापित किया जाता है और क्रेन की ही मदद से से विसर्जन के लिए बड़े ट्रक पर रखकर ले जाया जाता है. हर साल इस मूर्ति का आकार हम बड़ा रहे हैं. पिछले साल यह मूर्ति 23 फुट की थी लेकिन आप यह बढ़कर 24 फुट की हो गई है.

भक्तों का लगता है तांता

भगवान सिद्धिविनायक की दिन में दो बार आरती की जाती है. आरती में हजारों की संख्या में भक्ति हिस्सा लेते हैं. सुबह की आरती 8:00 बजे तो वहीं शाम की आरती भी रात्रि 8:00 बजे की जाती है. आयोजन समिति के लोग स्थानीय निवासियों को गुल्लक वितरण करते हैं. इस गुल्लक में स्थानीय लोग पूरे साल पैसा इकट्ठा करते हैं. श्रद्धा अनुसार पैसा इकट्ठा करने के बाद जब गणेश उत्सव आता है तब वह इन गुल्लकों को भगवान सिद्धिविनायक के चरणों में अर्पित करते हैं. जिससे हर साल भव्य आयोजन होता है. हर शाम को हर एक दिन अलग-अलग धार्मिक भक्ति में कार्यक्रम होते हैं.

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