महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित होने के बाद, महिला सांसदों ने PM मोदी को कहा थैंक्स, फोटो भी खिंचवाई

हाइलाइट्स

महिला आरक्षण बिल पर महिला सांसदों ने PM मोदी को धन्यवाद कहा.
महिला सांसदों ने पीएम मोदी के साथ हंसते हुए तस्वीरें भी खिंचवाई.
महिला सांसदों का समूह बिल के पारित होने के बाद एकत्र हुआ था.

नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र के आखिरी दिन आधी रात के करीब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को नए भवन में हंसती, बातें करती हुई महिला सांसदों के साथ तस्वीरें खिंचवाते देखा गया. महिला सांसदों का समूह महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज करने के लिए एकत्र हुआ था. यह विधेयक महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति देता है.

NDTV के अनुसार इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को एक बड़ा गुलदस्ता भेंट किया गया और महिलाओं ने पार्टी सीमाओं से ऊपर उठकर एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं. दशकों से नियोजित इस पहल को आखिरकार आज राज्यसभा में विधेयक पारित होने के साथ सफलता मिली. बुधवार को इसे लोकसभा से पारित किया गया.

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मालूम हो कि राज्यसभा से पारित होना विशेष था. यहां यह सर्वसम्मति से पारित हुआ, जिसमें कोई निगेटिव मतदान नहीं हुआ. लोकसभा में दो निगेटिव वोट पड़े. इसे 454 सांसदों के भारी बहुमत से मंजूरी मिली, जिससे पता चलता है कि विपक्ष ने कार्यान्वयन की समय सीमा के बारे में अपनी आपत्तियों के बावजूद, विधेयक का समर्थन करने का विकल्प चुना है.

पीएम मोदी ने इसे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक ‘निर्णायक क्षण’ कहा. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह केवल एक कानून नहीं है; यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है.’

पीएम मोदी ने X पर अपने पोस्ट में आगे कहा, ‘भारत उनकी जीवटता और योगदान से समृद्ध हुआ है. जैसा कि हम आज मानते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है. यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए.’

गौरतलब हो कि कोटा केवल जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू किया जा सकता है, जो संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत साल 2026 के बाद आयोजित किया जा सकता है, जो कार्यान्वयन को साल 2029 या उससे आगे तक बढ़ाता है. जबकि सरकार ने कहा है कि जनगणना और परिसीमन अगले साल के आम चुनाव के बाद शुरू होगा, कोटा को जल्द लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता हो सकती है.

Tags: PM Modi, Rajya sabha



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