मलमास मेला को लेकर सरस्वती कुंड तैयार, 5 घड़ियाल ऐसे करेंगे स्वागत, देखें Video

मो. महमूद आलम/नालंदा. नालंदा के राजगीर में आगामी 18 जुलाई से लगने वाले मलमास मेला को लेकर पूरे कुंड क्षेत्र में तेजी से जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. कुंड क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया गया है. यह इतिहास में दर्ज होगा कि इस बार आने वाले श्रद्धालुओं का पहला स्नान सरस्वती कुंड में होगा. काफी पहले सरस्वती नदी में पहला स्नान होता रहा था. वहां पर दर्जनों देवी-देवताओं की मूर्त्ति लगाई जाती थी.

मेला में आने वाले लोग सबसे पहले सरस्वती नदी में स्नान करते थे. इस बार यह नदी कुंड में बदल दी गई है. सरस्वती कुंड में पानी के लिए ब्रह्मकुंड से जोड़ा गया है. इसका लाभ अभी से ही पर्यटकों को मिलने लगा है. पर्यटक व कांवरिया लोग इसमें छपाका लगाकर मस्ती करते देखे जा सकते हैं. कुंड क्षेत्र में कुछ काम चल रहा है तो कुछ पूरा कर लिया गया है.

मलमास मेला के दौरान सरस्वती कुंड में महाआरती होगी

ब्रह्मकुंड के प्रवेश द्वार के पास बेहतर पंडाल बनाया गया है. श्रद्धालु कुंड से स्नान कर वीरायतन रोड में निकलेंगे. इस रास्ते में झाड़ी को साफ कर एक बेहतर लुक दिया गया है. इससे पूरे कुंड क्षेत्र की रौनक ही बदल गई है. मलमास मेला के दौरान सरस्वती कुंड में महाआरती होगी. इसके लिए सरस्वती कुंड का जीर्णोद्धार किया गया है.

सीढ़ियों की मरम्मत की गई है. वहीं, कुंड में पांच घड़ियाल के मुंह से पानी भी गिराया गया है. 19 जुलाई को यहीं पर महाआरती होगी. स्टेट गेस्ट हाउस में तेजी से टेंट सिटी बनाने का काम चल रहा है. इसके लिए हैंगर पंडाल से ही यह काम हो रहा है. सैंकड़ों मजदूर युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहराव स्थल होगा. वैतरणी नदी के पास इस बार पूजा पंडाल तो आने वाले यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थल भी बनाया गया है. इसमें दर्जनों बेड लगाए गए हैं. उसके पास में ही पीछे शौचायल भी बनाया गया है. उससे आगे दुखहरणी कुंड तक मिट्टी का समतल कर पहुंच पथ बनाया गया है.

गाय की पूंछ पकड़कर नदी पार करने से मिलता है मोक्ष

श्रद्धालु इस बार दुखहरणी में भी स्नान का लाभ ले सकेंगे. वैतरणी नदी में जीर्णोद्धार का काम चल ही रहा था कि बरसात हो गई. इस कारण अब वैतरणी में पानी का जमाव हो गया है. इसमें बच्चे स्नान करते नजर आ रहे थे. ऐसी मान्यता है कि इस नदी के तट को एक छोर से दूसरे छोर तक गाय की पूंछ पकड़कर पार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इसी तट पर मेला के समय पिण्ड दान भी होता है. पूरे मेला क्षेत्र में बाजार सजने लगा है. कुंड क्षेत्र में अब रौनक ही बढ़ गई है. मेला में आने वाले लोगों के लिए मनोरंजन के साधनों में थियेटर, सर्कस, झूला, जादूगर, डिजनीलैंड, मौत का कुंआ, अमरनाथ यात्रा आदि बनाये जा रहे हैं. ब्रह्मकुंड के पास पंडा कमेटी के कार्यालय के उपर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. यहीं से मेला पर नजर रखी जाएगी.

Tags: Bihar News, Local18, Nalanda news

https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2023/07/3203707_HYP_0_FEATUREIMG-20230712-WA0203-168933727416×9.jpg