बिहार के इस DM की हो रही है वाहवाही, उनके इस काम का केंद्र हुआ मुरीद; अब राष्ट्रपति से मिलेगा सम्मान

मो. महमूद आलम/नालंदा. भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भू-संपदा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए नालंदा जिला को ‘भूमि सम्मान’ के प्लेटिनम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. नालंदा जिला के भूमि रिकॉर्ड्स को शत प्रतिशत डिजिटाइज किए जाने से विभागीय कार्यों में सरलता के साथ-साथ जन सामान्य को भी काफी सहूलियत हो रही है. अब लोग अपने घर बैठे ही अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

इतना ही नहीं भूमि संबंधी ज्यादातर काम (जैसे जमाबंदी, परिमार्जन, अन्य प्रमाण पत्र, विशेष सर्वेक्षण) अब लोग अपने घर बैठे ही करवा सकते है. इससे भूमि विवाद को कम करने में भी सफलता मिलेगी. 18 जुलाई को राष्ट्रपति से जिलाधिकारी शशांक शुभंकर प्लेटिनम पुरस्कार दिया जाएगा. इनके साथ अपर समाहर्ता और भूमि सुधार उपसमाहर्ता राजगीर भी मौजूद होंगे.

लोगों को मिल रही है मदद
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की जो भी योजनाएं हैं वो शत प्रतिशत धरातल पर उतरना और इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा,  ‘हमारा पूरा प्रयास होगा कि सभी मामलों का निष्पादन समय से हो जाए तो और बेहतर होगा. पहले जब लोगों को एक सुधार के लिए कई दिनों तक दफ़्तर का चक्कर काटना पड़ता था उससे सुकून मिला है. अब तक दर्जनों मामलों का निष्पादन हो चुका है. जिसमें दोनों पक्षों का सहयोग रहा है’.

बड़े अपराध को अंकुश लगाने में सहायक
आपको बता दें कि जमीन विवाद में बड़े अपराध को अंकुश लगाने में डिजिटाइज किए जाने से काफ़ी सहयोग मिला है. हर हफ़्ते जनता दरबार के जरिए भी कई मामलों का निपटारा किया जाता है, जो थोड़ा ज्यादा विवादित होता है. दोनों पक्ष के लोगों को अधिकारियों के समक्ष बैठकर आपसी सहमति से सुलह कराया गया है और अभी भी ऐसे मामलों में किया जाता है.

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