पटना की सड़कों पर निकला LGBTQ का प्राइड मार्च, अपनी सेक्सुअलिटी को किया सेलिब्रेट, देखें वीडियो

सच्चिदानंद/पटना. ‘हमें चाहिए आजादी, भेदभाव से आजादी’ और ‘आई एम ए गे, नो प्रॉब्लम’ के नारों के साथ झमाझम बारिश के बावजूद सजधज कर LGTBQ+ समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे. बता दें कि 14 जुलाई को दोस्ताना सफर नाम की संस्था हर साल किन्नर महोत्सव का आयोजन करती है. इस बार भी यह आयोजन किया गया था. आयोजन स्थल तक पहुंचने से पहले LGTBQ+ समुदाय के लोगों ने पटना की सड़क पर प्राइड मार्च किया. यह प्राइड मार्च पटना के कदमकुआं स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन से शुरू हुआ और प्रेमचंद रंगशाला के पास पहुंच कर खत्म हुआ. इसी रंगशाला में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ था.

पटना की सड़कों पर जब पूरे सजधज कर LGTBQ+ समुदाय के लोग प्राइड मार्च कर रहे थे, तो उस वक्त झमाझम बारिश हो रही थी. बारिश से भीगते हुए इस समुदाय के लोगों का जोश दोगुना हुआ जा रहा था. इस प्राइड मार्च में बैंड बाजे तो थे ही, दो रथ भी शामिल किए गए थे. बैंड बाजे पर बजते म्यूजिक पर थिरकते LGTBQ+ के लोग पटना की सड़कों पर लोगों के लिए कुतूहल बने थे. दरअसल, इस समाज के लोगों के प्राइड मार्च का मकसद ही यह है कि लोग उन्हें कुतूहलवश न देखें, बल्कि अपने बीच का हिस्सा समझें. पटना में हर साल 14 जुलाई के दिन का यह आयोजन एक ऐसा मौका होता है जब इस समाज के लोग इकट्ठा होते हैं और अपनी सेक्सुअलिटी सेलिब्रेट करते हैं.

डीजे पर खूब किया डांस

म्युजिक, डांस और फ्रीडम का तड़का इस प्राइड मार्च में देखने को मिला. डीजे की धुन पर LGBTQ+ समुदाय के लोगों ने खूब डांस किया. एक-दूसरे के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. खूब मस्ती भी की. दोस्ताना सफर की निदेशक रेशमा प्रसाद ने बताया कि हम सभी अपने वजूद के लिए इस मार्च में शामिल हैं. हम यह बताना चाहते हैं कि हम कोई अपराधी नहीं हैं. इसी समाज का हिस्सा हैं. हमलोग भी प्यार कर सकते हैं, लड़ सकते हैं, रोजगार कर सकते हैं. जिस आजादी और हक के साथ बाकी समुदायों को मौका मिलता है, उतनी ही आजादी और महत्व हमें भी मिले. हमें अपने जेंडर के बारे में बताने में कोई शर्म नहीं है. आई एम अ लेस्बियन, इट्स ओके.

प्राइड मार्च का मतलब

LGBTQ+ समुदाय के लोगों का एक ऐसा मार्च, जिसका मकसद अपने हक और न्याय की लड़ाई के लिए आवाज उठाना और लोगों को जागरूक करना होता है, उसे प्राइड मार्च कहते हैं. पटना में आयोजित इस प्राइड मार्च में भारी संख्या में अलग-अलग वेशभूषा में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल ट्रांसजेंडर समेत अलग-अलग समुदाय के लोग शामिल हुए. हाथ में पोस्टर और झंडे लेकर निकले LGBTQ+ कम्युनिटी के लोगों ने खुशी का इजहार किया.

प्राइड मार्च का मकसद

इस मार्च में शामिल एक शख्स ने कहा कि यह मार्च जश्न का होता है. जब बिना किसी बंधन और शर्म के हम यह बताते हैं कि हां, मैं पुरुष या महिला नहीं बल्कि तीसरे लिंग से आता हूं. यह मार्च लोगों को लिंग के प्रति जागरूक करने के लिए निकाला जाता है. यह आयोजन सामान्य नागरिकों में अपनी कम्युनिटी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया गया.

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