मो. महमूद आलम/नालंदा. बिहार के नालंदा जिले में दुनिया के सबसे महंगे मियाजाकी आम की खेती की जा रही है. चंडी प्रखंड के ढकनिया गांव निवासी किसान सुरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर जानकारी हासिल कर वर्ष 2021 में जापान से मियाजाकी प्रजाति के दो पौधे मंगवाये थे. अब इसके पौधे में फल आ रहा है. किसान मुकेश और रामकुमार ने बताया कि मियाजाकी आम की खेती के पहले वर्ष में इसमें 21 फल लगे थे.
उन्होंने बताया कि उनके किसान पिता की इच्छा थी कि जब भी कोई उनके बगीचे में आए तो वो यहां कई किस्म के फल के पौधे देखे. करीब तीन एकड़ में फैले बागीचे में उन्होंने आम के मियाकाजी, ब्लैक स्टोन, सीड लेश की प्रजाति के अलावा, यहां सेव, इलायची, साबुदाना, सभी तरह के मसालों के पौधे लगा रखे हैं. खास बात है कि घर के पास स्थित अपने बगीचे की रखवाली के लिए उन्होंने सीसीटीवी कैमरा और डॉग को रखा है. मुकेश और रामकुमार का दावा है कि भारत में मियाजाकी आम की कीमत करीब 10 हजार रुपये. जबकि, इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत दो लाख रुपये किलो है. मियाजाकी सबसे महंगे आम की किस्म है. विदेशों में इसे ‘ताइयो-नो-टोमागो’ या ‘एग्स ऑफ सनशाइन’ के नाम से बेचा जाता है.
आम सामान्यत: हरे और सुनहरे पीले रंग का होता है, लेकिन मियाजाकी गहरे लाल रंग का होता है. इसका आकार डायनासोर के अंडे की तरह दिखता है. यह आम जापान में उगाया जाता है. मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर ‘मियाजाकी’ के नाम पर रखा गया है.
एक आम का वजन लगभग 350 ग्राम
एक मियाजाकी आम का वजन लगभग 350 ग्राम होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे गुण होते हैं. इसमें शुगर 15 प्रतिशत या अधिक होती है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है. यह फल अप्रैल और अगस्त के महीने के बीच होता है.
मियाजाकी आम जापान में बिकने वाले सबसे महंगे फलों में से एक है. अन्य देशों में निर्यात किए जाने से पहले, इन आमों की सख्त जांच और परीक्षण किया जाता है. आम की यह किस्म जापान, थाइलैंड, फिलीपींस और भारत में उगाई जाती है.
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FIRST PUBLISHED : July 15, 2023, 07:56 IST
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