नाबालिग रेप पीड़िता की एफआईआर निरस्त, HC ने कहा- इस उम्र में किशोरियां अपना भला-बुरा समझने में सक्षम

ग्वालियर. ग्वालियर हाईकोर्ट ने 17 साल 10 महीने उम्र की दुष्कर्म पीड़िता की एफआईआर को निरस्त कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि पीड़िता नाबालिग है. लेकिन, इस आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के मानसिक और शारीरिक विकास को देखते हुए माना जा सकता है कि वह अपने अच्छे-बुरे के बारे में फैसला ले सकते हैं. इसलिए यह एफआईआर निरस्त की जाती है. हाई कोर्ट ने यह फैसला एक नाबालिग के केस में सुनाया. इस मामले में 12वीं की छात्रा ने 30 साल के शादीशुदा प्रेमी से ब्रेकअप होने के बाद उसके खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था.

दूसरी ओर, आरोपी ने भी कोर्ट में सारे तथ्य पेश किए थे. इन तथ्यों से यह साबित हुआ कि छात्रा के साथ जबरन दुष्कर्म नहीं हुआ, बल्कि उन दोनों के बीच मर्जी से शारीरिक संबंध बने थे. छात्रा और शादीशुदा युवक की दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई थी. उसके बाद उनके बीच नजदीकियां बढ़ गई थीं. गौरतलब है कि ग्वालियर हाईकोर्ट ने 30 साल के कैलाश शर्मा की याचिका पर सुनवाई की थी. 12वीं की छात्रा ने आरोपी कैलाश के खिलाफ 28 दिसंबर 2022 को दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कराया था.

आरोपी ने कोर्ट से लगाई थी ये गुहार
इसके खिलाफ आरोपी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसने अपने ऊपर दर्ज दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की एफआईआर और ट्रायल निरस्त करने के गुहार लगाई थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान पीड़िता और आरोपी दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘यह बात सही है कि पीड़िता नाबालिग है, लेकिन इस आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के मानसिक और शारीरिक विकास को देखते हुए यह माना जा सकता है कि वह अपने अच्छे-बुरे के बारे में फैसला ले सकते हैं. इसलिए FIR निरस्त की जाती है’

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