दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखंड में बाढ़ से हाल बेहाल, प्रयागराज में भी डरे लोग, गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी

प्रयागराज. देश की राजधानी दिल्ली समेत पश्चिमी यूपी और पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. देश की राजधानी दिल्ली जहां यमुना नदी में आई बाढ़ के पानी में डूबी हुई है, तो ही इसका असर नोएडा में भी दिखाई दे रहा है, जबकि दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर संगम नगरी प्रयागराज के लोग भी दहशत में है. हालांकि प्रयागराज में अभी बाढ़ के हालात नहीं है, लेकिन यहां गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है.

हालांकि यमुना का पानी अगले 7 से 8 दिनों में प्रयागराज पहुंच जाएगा. हरियाणा और दिल्ली के अलावा उत्तराखंड से गंगा नदी में आने वाला पानी प्रयागराज में भी आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाकों की तरह तबाही मचा सकता है. तबाही की आशंका के मद्देनजर प्रयागराज में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बाढ़ कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे हालात की निगरानी कर रहा है.

प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां अभी खतरे के निशान से तकरीबन 7 मीटर नीचे बह रही हैं. लेकिन, जिस तरह से लगातार तेजी से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में तबाही का सैलाब आने की आशंका जताई जा रही है. संभावित बाढ़ के मद्देनजर यहां प्रशासन से लेकर नदियों के किनारे रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने संगम के आसपास नाव चलाने वालों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. नाविकों को पूरे एहतियात के साथ नाव चलाने की हिदायत दी गई है नाव पर सवारियां कम बिठाने, सभी श्रद्धालुओं को लाइफ सेविंग जैकेट पहनाने और तेज हवा चलने पर नावों का संचालन रोकने का निर्देश दिया गया है.

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वहीं लगातार जलस्तर बढ़ने से संगम क्षेत्र में रहने वाले तीर्थ पुरोहित घाटी और दुकानदार भी दहशत में हैं. संगम के तीर्थ पुरोहितों को हर रोज अपने तख्त और झोपड़ियां पीछे करनी पड़ रही है. जरूरी सामानों को छोड़कर तीर्थ पुरोहितों और घाटियों ने अपने सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिए हैं. जल स्तर बढ़ने की वजह से गंगा और यमुना में तेजी से कटान भी हो रहा है. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां 84.734 मीटर पर पहुंचने के बाद खतरे का निशान पार कर जाती है. यहां दोनों नदियों का जलस्तर अभी 77 मीटर के करीब है. हालांकि गंगा और यमुना तकरीबन एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है.

वहीं बाढ़ की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर लिए जाने का दावा किया है. जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथी तटीय इलाकों में खाद्यान्न और दवाइयों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही जल पुलिस गोताखोर और एसडीआरएफ को भी अलर्ट मोड में रखा गया है. हालांकि प्रयागराज में तकरीबन हर साल गंगा और यमुना की बाढ़ जबरदस्त तबाही मचाती है. नदियों का पानी रिहायशी बस्तियों और सड़कों पर बहता है. बाढ़ आने पर हर साल कोहराम मचता है. सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर शिविरों में चले जाते हैं. हर साल बाढ़ से निपटने के बड़े-बड़े दावे किए जाते है. लेकिन, बाढ़ का पानी हटते ही सारे दावे साल भर के लिए सरकारी फाइलों में कैद होकर रह जाते हैं.

Tags: Delhi Flood, Ganga river, Prayagraj News, Uttarakhand Flood, Yamuna River

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