रिया पांडे/दिल्ली. मॉन्यूमेंट्स, यानी स्मारक, हमेशा बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, चाहे उन लोगों की इतिहास में दिलचस्पी रही हो या नहीं. दिल्ली की बात करें तो यहां पर लंबे वक्त तक मुग़ल शासकों का राज रहा है, इसलिए दिल्ली के आर्किटेक्चर में आपको मुग़लों की छाप साफ नजर आती है. आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताएंगे जिसका इतिहास अलाउद्दीन ख़िलजी से जुड़ा है.
हौज खास किला परिसर अलाउद्दीन ख़िलजी के शासनकाल में 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था. इस परिसर में हौज खास झील भी स्थित है, जिसे अब ‘हौज-ए-अलाई’ के नाम से जाना जाता है. इस किले को उस समय एक मकबरे, मदरसों, मस्जिदों और मंडपों के साथ बनवाया गया था, और उसे एक आधुनिक संरचना के साथ डिज़ाइन किया गया था.
यहा देखें सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य
हौज खास किला वर्तमान में खंडहर के रूप में है, लेकिन फिर भी यहां काफी चीजे देखने लायक है. पारिस्थितिकी द्वारा सजाए गए हरी-भरी मैदान, झील, रेस्टोरेंट, बार और कैफे इसे आकर्षक बनाते हैं. यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य देखना भी अद्वितीय है. आप इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए विचार कर सकते हैं. हौज खास किला घूमने के लिए अंदर आने के लिए भारतीय नागरिकों को ₹20 की टिकट खरीदनी होती है, विदेशी टूरिस्ट्स को ₹200 की टिकट की आवश्यकता होती है.
यहां ऐसे पहुंचे
हौज खास किला सुबह 10:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक खुला रहता है और आप सोमवार से शनिवार तक यहां जा सकते हैं. यह किला हौज खास मेट्रो स्टेशन के पास स्थित है.
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Tags: Delhi news, History of India, Local18
FIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 10:54 IST
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