नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले हनुमा विहारी को महज 16 टेस्ट मैच खेलने का ही मौका मिल पाया. चोट और खराब फॉर्म की वजह से चयनकर्ताओं ने उनको टीम से बाहर कर दिया. हनुमा को ऑस्ट्रेलिया में सिडनी टेस्ट के दौरान चोटिल होने के बाद भी आर अश्विन के साथ मिलकर 3 घंटे से ज्यादा बल्लेबाजी कर मैच बचाने के लिए जाना जाता है. साल 2022 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले गए टेस्ट के बाद से इस बैटर की वापसी नहीं हो पाई. टीम से बाहर किए जाने पर अब उनका दर्द सामने आया है.
हनुमा विहारी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चोटिल होने के बाद भी 2021 में इंजेक्शन लेकर 237 मिनट यानी 3 घंटे से भी ज्यादा बल्लेबाजी कर मैच बचाया था. ESPN CRICINFO से बात करते हुए हनुमा ने कहा, मैं सोचता हूं कि मुझे जब कभी भी मौका दिया गया तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ही करते दिया है. ऐसा हो सकता है शायद कि मेरा जो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था वो भारतीय टीम के लिए काफी नहीं रहा हो. लेकिन मैं यहां हार नहीं मानूंगा, बेहतर और ज्यादा बेहतर होने की कोशिश करता रहूंगा. एक खिलाड़ी होने के नाते आप बस इतना ही कर सकते हैं.
अपने आप को टीम से बाहर किए जाने के बाद प्रेरित करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही वक्त पर आपके परिवार की भूमिका और भी ज्यादा बढ़ जाती है. मेरा परिवार हर वक्त मेरे लिए खड़ा रहा है. वह यह समझते हैं कि मैं किस चीज से गुजर रहा हूं. यह मेरे लिए बहुत ही मुश्किल वक्त है. अगर जो कोई कहता है कि वह वापसी करने के लिए खुद को प्रेरित करते हैं तो वो यकीनन होंगे.
मेरे लिए तो इस बात को समझ में बहुत ज्यादा वक्त लग गया कि आखिर मुझे टीम से निकाला क्यों गया और फिर मैंने अपने आप को प्रेरित किया कि चलो दोबारा कोशिश करना है और मुझे वापसी करके दिखाना है. मैं अपने खेल पर मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर काम करने की कोशिश में लगा हूं. अब मैं पहले से ज्यादा अच्छा महसूस करता हूं. मेरा ध्यान बस मैदान पर जाकर ज्यादा से ज्यादा रन बनाने पर होता है. बाकी सारी चीजें मैंने चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया है.
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Tags: Hanuma vihari
FIRST PUBLISHED : July 12, 2023, 05:25 IST
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