एनसीईआरटी को दिया जाएगा डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा, शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

नई दिल्ली, (भाषा). NCERT: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को ‘डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय’ का दर्जा दिये जाने की घोषणा की. शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी के 63वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह घोषणा की. गौरतलब है कि एनसीईआरटी भारत में स्कूली शिक्षा संबंधी सभी नीतियों पर काम करती है. यह शिक्षा से जुड़े विषय पर मंत्रालय को, विशेषकर स्कूली शिक्षा के संबंध में सलाह देने और नीति-निर्धारण में मदद करती है, जिसमें नवाचार, पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक विकास कार्य भी शामिल है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज से एनसीईआरटी को औपचारिक रूप से डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ एनसीईआरटी को डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिल रही है.’’ प्रधान ने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस भी डीम्ड टू यूनिवर्सिटी है. राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के दर्जे को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें एनसीईआरटी पर पूरा भरोसा है और यह संस्थान के कार्य पर निर्भर करता है.

पुरानी थी मांग
बाद में धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय का विषय एनसीईआरटी की पुरानी मांग एवं अपेक्षा थी. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के पांच परिसर हैं और अलग अलग स्थानों पर क्षेत्रीय संस्थान भी हैं. परिषद महत्वपूर्ण शोध कार्य भी करती है. प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा, वयस्क शिक्षा और शिक्षक शिक्षा के स्तर पर अनेक कार्य करता है. परिषद प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा, स्कूली शिक्षा, वयस्क शिक्षा तथा शिक्षक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करने का कार्य कर रही है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह दर्जा (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) मिलने से आने वाले दिनों में यह संस्थान उन्नत शोध विश्वविद्यालय बन पायेगा, ऐसी अपेक्षा है. वहीं, एनसीईआरटी के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि बाल भवन का एनसीईआरटी में विलय किया जायेगा. उन्होंने एनसीईआरटी, सीबीएसई और केंद्रीय विद्यालय से ‘जादुई पिटारा’ गीत को 22 भाषाओं में तैयार करने को कहा. एनसीईआरटी में रिक्तियों के संबंध में उन्होंने कहा कि मंजूर पदों को भरने का कार्य चल रहा है और उन्हें बताया गया है कि दो तिहाई पदों को हाल में भरा गया है. प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति चंद्रयान-3 के समान है और इसे सफल होना ही है. उन्होंने कहा कि लोग ग्रामीण इलाका छोड़ कर अर्द्ध शहरी और शहरी इलाकों में जा रहे हैं और इसके पीछे दो कारण महत्वपूर्ण है, इसमें पहला रोजगार के अवसर और दूसरा शिक्षा का मौका शामिल है. उन्होंने कहा कि ये दोनों लोगों की आकांक्षाओं से जुड़े विषय हैं क्योंकि शहरों में बच्चों को स्कूलों में दाखिला मिलना चुनौतीपूर्ण विषय है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है और इस पर विचार करने की जरूरत है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ इसे सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी बनाया जाए, ताकि सभी लोगों और सभी भौगोलिक इलाकों तक पहुंच हो सके.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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Tags: Education, NCERT

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