उस पल अगर जान दे देती… तो आज ये दिन न देख पाती, डिप्रेशन के बाद हासिल किया मुकाम

राहुल दवे/इंदौर: जिंदगी से हारी हुई एक महिला मानसिक अवसाद में पहुंच गई थी. नौबत सुसाइड की आ गई थी. लेकिन, कहते हैं ना जो हिम्मत करता है, भगवान भी उसकी मदद करते हैं. बस तमाम संघर्षों के बाद कीर्ति देवड़ा ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया और अपने दोनों बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित कर लिया है. उनके दोनों बच्चे आज लाखों रुपए प्रतिमाह के पैकेज पर जॉब कर रहे हैं. यही नहीं, वह खुद भी एक बड़े स्कूल की मालकिन हैं.

सुदामा नगर इलाके में रहने वाली कीर्ति देवड़ा मानसिक अवसाद से बाहर निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनी हैं. दरअसल, 1994 में कीर्ति देवड़ा ने लव मैरिज की थी. शादी के कुछ सालों तक सब ठीक रहा, लेकिन फिर पति-पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई. छोटी-छोटी बातों पर पति लड़ाई करने लगा. इसी बीच कीर्ति को अपने पति के किसी अन्य लड़की के साथ संबंधों का पता चला. उन्होंने पति का विरोध किया, लेकिन पति बिना सोचे उन्हें छोड़कर चला गया. कीर्ति दो बच्चों के साथ अकेली रह गईं.

लोन लेकर शुरू किया स्कूल
पति के यूं अचानक अन्य युवती के साथ चले जाने से कीर्ति को धक्का लगा. वह खुद को संभाल नहीं पा रही थी. डिप्रेशन में उन्होंने भी आत्महत्या करने की सोची और प्रयास भी किया. लेकिन, अपनी बेटी व बेटे का मुंह देखते हुए उन्होंने खुद को रोक लिया. डॉक्टर के पास गईं इलाज कराया और फिर खुद के पैरों पर खड़ा होने की ठानी. 2007 में उन्होंने जिंदगी की नई शुरुआत की. 20 हजार रुपये का लोन लेकर दो कमरे से कीर्ति ने ‘हेलो किड्स’ स्कूल की शुरुआत की. अपने दोनों बच्चों को संभालते हुए उन्होंने स्कूल भी चलाया. आज दो कमरे का वही स्कूल तीन मंजिला बिल्डिंग में बदल चुका है.

बेटी-बेटा दोनों इंजीनियर 
बेटी ने भी अपनी मां के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बेटी ने उच्च शिक्षा हासिल की और भोपाल एलएनसीटी इंजीनियरिंग कॉलेज में टॉप किया. आज हाई पैकेज पर आईटी कंपनी में नौकरी कर रही है. वहीं, उनका बेटा एलएनसीटी कॉलेज में ही इंजीनियर की पढ़ाई करने के बाद बड़ी कंपनी में कार्यरत है.

तो कुछ नहीं बचता
कीर्ति बताती हैं कि उन्हें यहां तक पहुंचने में तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. कहा, यदि मैं हिम्मत हारकर खुदकुशी जैसा गलत कदम उठा लेती तो आज कुछ नहीं बचता. जिंदगी में सभी तरह के मोड़ आते हैं, कठिनाई आती हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.

Tags: Indore news, Local18, Motivational Story, Womens Success Story

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